गणेश चतुर्थी 2025: पूजा विधि, महत्व और लाभ | Ganesh Chaturthi 2025 Puja Vidhi, Significance and Benefits
लेखक: Darpan Bharat डेस्क | धर्म-आस्था | 25 अगस्त 2025

गणेश चतुर्थी 2025 कब है?
गणेश चतुर्थी का पर्व पूरे भारत में अपार श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जाता है। वर्ष 2025 में गणेश चतुर्थी बुधवार, 27 अगस्त 2025 को मनाई जाएगी। यह पर्व भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को आता है। इसे विनायक चतुर्थी भी कहा जाता है। इस दिन भगवान गणेश का जन्म हुआ था और उन्हें प्रथम पूज्य, विघ्नहर्ता तथा बुद्धि के देवता के रूप में पूजा जाता है।
गणेश चतुर्थी का महत्व (Significance of Ganesh Chaturthi)
- विघ्नहर्ता की उपासना – भगवान गणेश सभी बाधाओं को दूर करते हैं, इसलिए किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत उनसे की जाती है।
- ज्ञान और बुद्धि का प्रतीक – गणपति को बुद्धि और विवेक का अधिष्ठाता माना जाता है। विद्यार्थी और व्यवसायी विशेष रूप से इस दिन पूजन करते हैं।
- समृद्धि का आशीर्वाद – मान्यता है कि गणेश पूजा से घर में सुख-समृद्धि और धन-धान्य की वृद्धि होती है।
- सांस्कृतिक एकता – महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश से लेकर पूरे भारत में यह पर्व समाज को जोड़ता है और सामूहिक उत्सव का माहौल बनाता है।
गणेश चतुर्थी 2025 पूजा विधि (Ganesh Chaturthi 2025 Puja Vidhi)
1. गणेश प्रतिमा स्थापना
- सुबह स्नान कर शुद्ध वस्त्र धारण करें।
- घर के पूजा स्थान या मंडप को फूल, आम-पत्तियों और तोरण से सजाएं।
- उत्तर-पूर्व दिशा (ईशान कोण) में गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करें।
2. संकल्प और आह्वान
- कलश स्थापना कर उसमें जल, आम्रपल्लव और नारियल रखें।
- संकल्प लें कि पूरे मन, वचन और कर्म से गणेश पूजा करेंगे।
- गणेश जी का ध्यान करें और मंत्र पढ़ें –
“ॐ गं गणपतये नमः”
3. गणेश पूजन सामग्री
- दूर्वा घास (21 पत्तियाँ),
- मोदक या लड्डू,
- लाल फूल,
- धूप, दीपक,
- चंदन, रोली, अक्षत,
- नारियल और फल।
4. पूजा क्रम
- दीपक जलाकर भगवान गणेश का ध्यान करें।
- प्रतिमा को जल, दूध, गंगाजल से स्नान कराएं।
- चंदन और रोली का तिलक लगाएं।
- दूर्वा अर्पित करें (21 दूर्वा का महत्व विशेष होता है)।
- लड्डू और मोदक का भोग लगाएं।
- आरती गाएं – “जय गणेश जय गणेश देवा…”
- अंत में सभी परिवारजन गणपति बप्पा मोरया का जयकारा लगाएं।
गणेश चतुर्थी व्रत की विधि (Fasting Rules)
- श्रद्धालु इस दिन व्रत रखते हैं।
- प्रातःकाल स्नान कर संकल्प लें और दिनभर केवल फलाहार करें।
- शाम को गणेश पूजा के बाद व्रत का समापन करें।
- मोदक या लड्डू व्रत तोड़ने का प्रमुख प्रसाद होता है।
गणेश चतुर्थी 2025 शुभ मुहूर्त
- चतुर्थी तिथि प्रारंभ: 26 अगस्त 2025, रात्रि 11:12 बजे
- चतुर्थी तिथि समाप्त: 27 अगस्त 2025, रात्रि 08:55 बजे
- गणेश पूजा का शुभ मुहूर्त: 27 अगस्त 2025, प्रातः 11:20 बजे से दोपहर 01:45 बजे तक
गणेश चतुर्थी पूजा के लाभ (Benefits of Ganesh Chaturthi Puja)
- बाधाओं का नाश – जीवन की सभी अड़चनें दूर होती हैं।
- आर्थिक उन्नति – व्यवसाय और नौकरी में सफलता मिलती है।
- विद्या और ज्ञान की प्राप्ति – विद्यार्थी एवं प्रतियोगी परीक्षा देने वाले लाभान्वित होते हैं।
- पारिवारिक सुख-शांति – घर में सद्भाव और सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है।
- स्वास्थ्य लाभ – मानसिक तनाव दूर होता है और आरोग्य की प्राप्ति होती है।
गणेश चतुर्थी पर विशेष परंपराएं
- महाराष्ट्र में सार्वजनिक गणेशोत्सव बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।
- गणपति विसर्जन के समय “गणपति बप्पा मोरया” के जयकारे गूंजते हैं।
- 10 दिनों तक भक्ति गीत, भजन, नृत्य और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
- अंतिम दिन अनंत चतुर्दशी पर गणपति विसर्जन होता है।
गणेश जी को प्रिय भोग
- मोदक – गणेश जी का सबसे प्रिय प्रसाद।
- लड्डू – विशेषकर बूंदी के लड्डू अर्पित करने की परंपरा है।
- गुड़ और नारियल – गणेश जी को मीठा और शुद्ध नारियल अत्यंत प्रिय है।
घर पर गणेश चतुर्थी 2025 कैसे मनाएं?
- पर्यावरण-अनुकूल गणेश प्रतिमा का उपयोग करें।
- एक दिन या पाँच दिन का गणेश उत्सव कर सकते हैं।
- घर के सभी सदस्य प्रतिदिन गणेश आरती करें।
- विसर्जन के समय प्रतिमा को घर के गमले या बाल्टी में ही विसर्जित कर जल का उपयोग पौधों में करें।
ज्योतिषीय महत्व
ज्योतिष के अनुसार गणेश चतुर्थी पर पूजा करने से बुध ग्रह और केतु ग्रह से संबंधित दोष शांत होते हैं। जिनकी कुंडली में बुध कमजोर होता है, वे इस दिन गणेश उपासना से विशेष लाभ प्राप्त करते हैं
निष्कर्ष
गणेश चतुर्थी 2025 का पर्व न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है बल्कि यह हमें परिवार और समाज के साथ जोड़ता है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से जीवन में सफलता, ज्ञान, समृद्धि और सुख-शांति का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
गणपति बप्पा मोरया! मंगल मूर्ति मोरया!!